[vc_row][vc_column][vc_column_text]

By सरिता शांडिल्य @saritashandilya

जॉब्स क्राइसिस के इस ज़माने में कहीं किसी एक पोस्ट के लिए इंटरव्यू हो रहा था । इंटरव्यू देने वाले टेंशन में थे । लेने वाले मुस्कुरा रहे थे । जो बाहर निकलते थे , उनसे अंदर जाने वाले बात करते थे और ज़्यादा परेशान हो जाते थे । पता लगा कि अंदर पूछे जाने वाले प्रश्न अटपटे थे और किसी को बाहर जाने की अनुमति नहीं थी ।

जो इंटरव्यू दे आये थे वे बता रहे थे,

अंदर पूछ रहे हैं –

देखिए पोस्ट कई हैं, मगर क्या आप यह काम कर सकेंगे ?

इंटरव्यू देने वाला पूछता था

समय कितना देना होगा ?

24 घंटा ।

रेस्ट कब करेंगे ?

समय बचा तो रेस्ट करेंगे ।

सैलेरी क्या होगी ?

कुछ नहीं ।

रिटर्न क्या मिलेगा ?

प्यार और संतोष ।

नहीं हमें नहीं करनी यह नौकरी । फिर भी यह तो बताइए काम क्या करना होगा  ?

माँ का काम है, पूरा दिन काम करना होगा, आप हर समय अटेशन में रहेंगे , आप हर आवाज़ पर जागे रहेंगे , आप धोबी बनेंगे , आप सफ़ाई करेंगे , आप कुक बनेंगे , आप दर्ज़ी बनेंगे पर आप कोई शिकायत कर नहीं सकेंगे । आप को सैलरी कुछ नहीं मिलेगी, लेकिन हर ज़िम्मेदारी पूरी करनी होगी और –

प्यार रिटर्न में मिलेगा ।

सभी कैंडिडेट रोने लगे । माँ शब्द ही ऐसा टची है ।

माँ एक रॉक स्टार होती है और रॉक स्टार वही करते हैं जो वे चाहते हैं । वह साहसी होती है । यह तो मेरी माँ है। कितना सुखद आश्चर्य है । सबकी माँ ऐसी ही होती है । माँ एक परी होती है , जो खिलखिलाती घंटियों की तरह हँसती है । काम की ताल पर नाचती है । घी में आटा गूंध कर बनी रोटियां खिलाती है ।  कभी भरवा करेले तो कभी चावल की खीर पकाती है । बेसन के लड्डू । चिवड़ा ,बेसन भुजिया या तली मूंगफली । दुनिया में मां की ममता जैसा कुछ नहीं है। जब हम बड़े हो जाते हैं तो विशाल आकाश के अलावा कुछ भी पहले जैसा नहीं बचता , लेकिन हमें अब भी माँ की ज़रूरत होती है । माँ की आवश्यकता हमारे जीवन में कभी ख़त्म नहीं होती । माँ के पास हास्य की एक बड़ी समझ होती है और सब कुछ मज़ेदार बनाने की आदत थी। वह हमें दुखी नहीं देख सकती । शिशु की किसी ने अंगुली पकड़ी हुई है , अरे यही तो माँ है । जब  वह आसपास नहीं होती है तो साड़ी के पल्लू में पसीना पोंछती , मुस्कुराती माँ याद आती है । चोट लगे तो सहलाती माँ याद आती है ।

आधुनिक मदर्स डे दुनिया के कई हिस्सों में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है। यह छुट्टी आमतौर पर मई के दूसरे रविवार को हर साल माँ के सम्मान के लिए दी जाती है । मर्दस डे दुनिया भर में माँ की सराहना करने का दिन है । हमारे परिवारों और समुदायों के लिए उनके विशेष योगदान के लिए मनाया जाता है।  यह उन सभी बलिदानों, प्यार और देखभाल के लिए आभार और प्यार व्यक्त करने का दिन है  । वैसे तो मदर्स डे की शुरुआत ग्रीस और रोम की प्राचीन सभ्यताओं में  है, लेकिन इसे आधिकारिक तौर पर 1914 में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक छुट्टी के रूप में शुरू किया गया था ।  मदर्स डे दुनिया भर में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है । लोग उपहार, फूल या ग्रीटिंग कार्ड देते हैं। कई लोग अपनी माँ के साथ भी दिन बिताते हैं या उन्हें किसी विशेष भोजन या गतिविधि का हिस्सा बनाते हैं । कुछ देशों में, छुट्टी का धार्मिक अर्थ होता है, जबकि अन्य देशों में, यह अधिक धर्मनिरपेक्ष अवकाश है और अधिक भावनात्मक तरीक़े से मनाया जाता है। कुल मिलाकर, मदर्स डे हमारे जीवन में माताओं द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने और उसका जश्न मनाने का दिन है।  यह हमारे जीवन में माँ के लिए प्यार, प्रशंसा और सम्मान व्यक्त करने का समय है।

हालाँकि, आधुनिक मदर्स डे समारोह का श्रेय अन्ना जार्विस नाम की एक महिला को दिया जा सकता है, जिसने संयुक्त राज्य अमेरिका में 1908 में अपनी मृत माँ के लिए एक स्मारक का आयोजन किया था । तब से, मदर्स डे दुनिया भर के कई देशों में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त अवकाश बन गया है।  यह हमारी  मांओं के प्यार और समर्थन का जश्न मनाने और हमारे जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने का दिन है। पहली कक्षा के पहले दिन, जब हम अपनी सबसे बड़ी चिंता अपनी माँ से कहते हैं कि, “मैं दोस्त कैसे बनाऊँगा?” तब मेरे सामने झुककर, माँ ने  मुझे सलाह दी थी, “स्विट्जरलैंड बनो।” सबके साथ दोस्ती करो। सबके साथ समान और निष्पक्ष व्यवहार करें। जब मैं ग्वास्तविक दुनिया का हिस्सा बनती  हूँ और  नई जिम्मेदारियों का सामना करते हुए, मैं अपने आप से दो शब्द फुसफुसाती हूँ ,”स्विट्जरलैंड बनो।” और बरबस माँ याद आती है ।

माँ के लिए, उनके खास दिन  मैंने एक कहानी लिखी और हाल ही में, मैंने देखा, मंत्रमुग्ध, जैसे वह चलती थी और गाती थी, उसके चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान आ जाती थी। आप सब भी लिखिए ना, अपनी माँ के लिए एक कहानी ।

मेरी मां आज भी मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं ।

(ग़ज़ल पर पी.एच.डी. लेखिका एक उपन्यासकार,कवियित्री और ज्योतिष की आजीवन विद्यार्थी हैं. 30 वर्षों का व्यवसायिक दुनिया में काम करने का अनुभव रखती हैं)

[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]